आरंभ है अंत है सपनो का सबंध है काल जिसके बस मे है हाँ ,वो ही महाकाल है प्रेम है क्रोध है भक्तो का पहचान है कैलाश जिसका निवास है हां, वो ही महाकाल है गले मे विषधर है शिखर पर चंद्र है आंखों में जिसका विनाश है हां ,वो ही महाकाल हैं अंत नही "अविनाश" है देवों का वो देव् है भस्म जिसका श्रगार है हाँ वो ही महाकाल हैं #yqbaba #yqdada #shiva #yqhindi #yqdevotion #shivratri