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सितम अगर ढाओ तो कुछ यूं ढाना की मैं जब ना रहुं तो

सितम अगर ढाओ तो कुछ यूं ढाना की 
मैं जब ना रहुं तो मुझे भूल जाना,

मेरे रहते तो कभी अच्छा ना लगेगा तुम्हें 
मेरे जानें के बाद खुश हो जाना,

अगर फिर भी मेरी किसी बात को याद कर 
छलक पड़े आंखे तुम्हारी,

और कोई पुछ ले तो आंसुओं की वजह 
मेरी कब्र की धुल को बताना, कुछ युं सितम ढाना,
सितम अगर ढाओ तो कुछ यूं ढाना की 
मैं जब ना रहुं तो मुझे भूल जाना,

मेरे रहते तो कभी अच्छा ना लगेगा तुम्हें 
मेरे जानें के बाद खुश हो जाना,

अगर फिर भी मेरी किसी बात को याद कर 
छलक पड़े आंखे तुम्हारी,

और कोई पुछ ले तो आंसुओं की वजह 
मेरी कब्र की धुल को बताना, कुछ युं सितम ढाना,
manishnagar2029

Manish Nagar

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