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दे नैनों को अब विराम जरा ! दे नैनों को अब विराम जर

दे नैनों को अब विराम जरा !
दे नैनों को अब विराम जरा
थक गए होंगे इतना सब देख कर
छलके तो जरूर होंगे आंसू नैनों से
कभी खुशी तो कभी गम देखकर
कभी बरसे होंगे नजरों से ,तो कभी नजर फेर कर
दे  नैनों को अब विराम जरा
थक गए होंगे इतना सब देख कर,
क्यों मूंदी है आंखें, वक्त रुकता नहीं ये देख कर
टिकता नहीं कुछ वक्त की आंखों पर,
बह जाती है यादें, नैनो से लहर बनकर
सुर्ख नैनों में स्वप्न छोड़कर
दे नैनों को अब विराम जरा
थक गए होंगे इतना सब देख कर,
धुंधली सी अब दिखती है दुनिया
‌ क्यों हैरान है तू इतना सब देख कर
ना कर नैनो को बोझिल
थाम नैनो की बूंदों को जरा
संजो ले कुछ बेहतरीन लम्हें
सपनों की तरह अपनी आंखों में समेट कर 
खोल मन की आंखें
चल निरंतर पथ पर अग्रसर
दे नैनों के पंखों को अब नई उड़ान जरा
दे नैनों के पंखो को अब नई उड़ान जरा! दे नैनो को अब विराम जरा!#
दे नैनों को अब विराम जरा !
दे नैनों को अब विराम जरा
थक गए होंगे इतना सब देख कर
छलके तो जरूर होंगे आंसू नैनों से
कभी खुशी तो कभी गम देखकर
कभी बरसे होंगे नजरों से ,तो कभी नजर फेर कर
दे  नैनों को अब विराम जरा
थक गए होंगे इतना सब देख कर,
क्यों मूंदी है आंखें, वक्त रुकता नहीं ये देख कर
टिकता नहीं कुछ वक्त की आंखों पर,
बह जाती है यादें, नैनो से लहर बनकर
सुर्ख नैनों में स्वप्न छोड़कर
दे नैनों को अब विराम जरा
थक गए होंगे इतना सब देख कर,
धुंधली सी अब दिखती है दुनिया
‌ क्यों हैरान है तू इतना सब देख कर
ना कर नैनो को बोझिल
थाम नैनो की बूंदों को जरा
संजो ले कुछ बेहतरीन लम्हें
सपनों की तरह अपनी आंखों में समेट कर 
खोल मन की आंखें
चल निरंतर पथ पर अग्रसर
दे नैनों के पंखों को अब नई उड़ान जरा
दे नैनों के पंखो को अब नई उड़ान जरा! दे नैनो को अब विराम जरा!#
pravinkumarsinha6511

Pravin sinha

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