यूँ तो थोड़ी सी फ़िज़ा रंगीन है ...मेरे शहर की पर माँ अब भी गाँव की तरह...शाम ढलते ही बच्चों को घर ले आती है थोड़ा गांव बसता है ...इस नई बस्ती में भी तभी तो गोधूली बेला मेरे शहर में भी नजर आती है .... श्याम ढलते ढलते यहाँ धरती भी कुछ केसरी सी हो जाती है यूँ तो थोड़ी सी फ़िज़ा रंगीन है ...मेरे शहर की What does your city become during evenings? #citybecomes #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Baba