ये इल्तिज़ा दिल की दिल से रही हम रूठते रहे,ऐसेवो मानाती रही अश्क़ निकले थे आँखों से कभी वो फिर भी दिल से मानाती रही।। -आकिब ये इल्तिज़ा दिल की दिल से रही हम रूठते रहे,ऐसेवो मानाती रही अश्क़ निकले थे आँखों से कभी वो फिर भी दिल से मानाती रही।। -आकिब #akib #Nojoto