जीवन में हम कितने भी सच्चे हो, क्यों लोगों के लिए झूठे होते है, करते है प्यार जिससे उसकी मज़बूरी क्यों नहीं समझते है, अगर बताए अपने भले की, तो पीछा छुड़ाना है ये क्यों समझते है, और जो अपने मन की बात सा ही, बात करे उसे अच्छा क्यों कहते है, क्यों नहीं समझते...