कभी तो पार दरिया हो,कभी अपना किनारा हो, मिले आगोश तेरा भी,कभी कोई इशारा हो। सफर होता नहीं पूरा,है जीवन रेत सा सूखा, लहर से हो समा जाओ,नदी संगम हमारा हो। #संगम