उसके लिए लिखते-लिखते एक मुकाम मिल गया, हमें भी शायरों की महफिल में आज एक नाम मिल गया। जो सोचा न था वो जिन्दगी में होता गया, न जाने कब हमें उनकी वजह से मुकाम मिल गया। ©आकाश भिलावली वाला #मुकाम_मिल_गया #dearzindgi