किसी भी पल का कोई भरोसा नहीं, ये जिंदगी का रंग मंच हैं कठपुतली हम ही, जितने भी पल मिले जिंदगी में मुस्कराकर जी, भूल हर शिकायत और अधूरी ख़्वाहिश, जो आज है पास उसमें खुश होकर जी, क्या पता कल होगा भी या नहीं होगा, होगा सबकुछ बेहतर पर फ्रिक छोड़ तो सही। ©Priya Gour shikve shikayte nafrate tb tk hi hoti h jbtk sb jinda h...usk baad 🙏 jese duniya chhodkr ja rhe lgta h agle hi pl ka bhrosa nhi... om shanti #24Dec #Stars