कच्चे धागे से रिश्ते, बहुत ही नाज़ुक होते हैं, ग़र संभाल के नहीं रखोगे इसे तो, पल भर में ही टूट जाते हैं। कच्चे धागे से रिश्ते, जुड़े होते हैं विश्वास की डोर से, ग़र जरा सा भी विश्वास हिला एक दूसरे पर, तो रिश्तो को टूटने में देर नहीं लगती। आपसी रिश्तो को संवाद से, इतना मजबूत रखना कि, कोई ग़ैर की दस्तक से भी, ये रिश्ता हमेंशा अटूट रहे। एक हाथ से तो ताली भी नहीं बजती, तो फिर एक रिश्ता कैसे निभाया जा सकता है, रिश्ता तो निभाया जा सकता है, एक दूजे के सच्चे जज़्बात से। -Nitesh Prajapati ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1019 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।