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आये कहा से नींदे शहर को, खुली आंखों से दिन में देख

आये कहा से नींदे शहर को,
खुली आंखों से दिन में देखे,
उन बेरहम सपनों को पूरा करने में,
रातों की नींदे ही तो हैं जाती।
आये कहा से नींदे शहर को,
खुली आंखों से दिन में देखे,
उन बेरहम सपनों को पूरा करने में,
रातों की नींदे ही तो हैं जाती।