नहीं चाहिए उनको बेटी वहां की जहाँ भाई पैदा किया हो ना माँ नें अभी भी हकीक़त यही दिख रही है तरक्की हो की चाहे जितनी जहां नें मानसिक विकास कभी नहीं हो सकता ये समाज और देश चाहे ही जितनी तरक्की क्यों ना कर ले। बेटियों वाले परिवार में अगर बेटा नही है तो वहां शादी ज्यादा अच्छी चल नहीं पाएगी...या यूँ कह लें कि लड़की ससुराल में ख़ुद को समायोजित नहीं कर पाएगी। हमें तो ये हकीक़त पता ही नहीं थी इस खोखले और दकियानूसी समाज की.... लड़की को उसके व्यवहार,उसके व्यक्तिव से जानने की बजाय उसे उसके घर में भाई होने से जाना जाता है.... बहुत खुशी है हमें हम दो बहनें हैं और हमारा कोई सगा भाई नहीं है....गर्व है हमारे पापा को हम दोनों पर जो की