अतीत के ठहरे से शांत दिखते, मगर हलचल लिए हुए गहरे में, स्मृतियों की पीड़ा,सतह पर चमकी, मानो वर्तमान के माथे बल पड़ते, कुछ हरी हरियाली सोच की पत्तियां चूम के वर्तमान के माथे पे पड़े बल इस आस में आस लगाए, कि सब सुलझा लेंगी अपनी नर्म छुअन से।। Murky depth of the pond (Open for collaboration.) This image is open to the writing community for collaboration with Writer's Choice. Image source: Travel Diary (Album) Snapshot by Flux Hale Writer's Choice