तितली;मेरे लफ्जों का तेरे होठों से आना बन गीत फिजा में उतर जाना;सुन जिन्हें-२ हमारे दिल का मचल जाना;बन फतिंगा उड़ते हुवे प्रेम दिप में जल जाना;फिर वो तेरे गीतों की गूंज बन अमृत हवा में बिखर जाना;कर दे अमर-२ कड़-कड़ ही;न हो अब कोई रण ही है होठों का सब जादू तितली-२ #part_7#my_life#titli#Mylove#kiss_day