गलत को सही कहते कहते सही ही गलत हो गया है हर सही पर हंगामा है गलत पर नेता सो गया है। कुर्सी की ऐसी बेचैनी है मुद्दा तो बस सीढ़ी है तरह तरह से बांट रहे हैं देश की जड़ें काट रहे हैं। बरसाती मेंढकों सा शोर है चुनाव का मौसम हर ओर है अगली कई पीढ़ियों की फ़िक्र में नेताओं का दौरों पर ज़ोर है। रंगे सियार हैं, जान लिया है आवाज़ से पहचान लिया है चाहे जितना ज़ोर लगा लें इनको लड्डू नहीं बंटने वाले। #राजनीति की माया धूप में छाया.... #राजनीतिक_व्यंग #yqdidi #yqhindipoetry #jayakikalamse