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फितरत तो कुछ यूं भी है इंसान की बारिश खत्म हो जाए

फितरत तो कुछ यूं भी है इंसान की 
बारिश खत्म हो जाए तो छतरी बोझ लगती है|
दिनेश दिनेश दास
फितरत तो कुछ यूं भी है इंसान की 
बारिश खत्म हो जाए तो छतरी बोझ लगती है|
दिनेश दिनेश दास
dineshdas4725

Dinesh das

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