हाल तू समझ रूहे इश्क तू क्यू बयां की जरूरत है कोई अल्फाज न कह पाए कहने की क्या जरूरत है ये खुदाई जहां के गुल है खुशबू से महक जा रूहे इश्क भटकन ये मिट्टी की छुड़ा ये गा ये रूहे इश्क। ♥️ Challenge-525 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।