उसके शरीर को अपनी भूगोल समझते समझते रिश्तों के गणित ही उसे समझाते रहे विज्ञान को उसके लिए नामहरम करके उससे उसका इतिहास छीनते रहे सोशियोलॉजी में उसकी अहमियत को देवी-दानवी, पत्नी और बेटी करते रहे (पूरी कविता कैप्शन में। ये कविता उनके लिए जो रिश्तों के बाहर औरत की पहचान नहीं देख पाते।) #विषय #शिक्षा #नारी #फेमिनिज्म #नागरिकता #सामाजिकता #YQdidi #YQbaba #NaPoWriMo उसके शरीर को अपनी भूगोल समझते समझते रिश्तों के गणित ही उसे समझाते रहे विज्ञान को उसके लिए नामहरम करके उससे उसका इतिहास छीनते रहे सोशियोलॉजी में उसकी अहमियत को देवी और दानवी, पत्नी और बेटी करते रहे