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हे ईश्वर ये कैसा दर्द जो बता नहीं सकते आँसू है पलक

हे ईश्वर ये कैसा दर्द जो बता नहीं सकते
आँसू है पलको पर मगर बहा नहीं सकते
तभी बारिश आई थोड़ी मुस्काई 
तु भोली और नादान बहुत हैं
अपना नहीं कोई यहाँ रिस्तों मे पहचान बहुत है
आ भीग जा मेरी आगोश में कही  
तेरे बहते आँसुओ को बुंदो मे छुपा लू कही 
तु दर्द का समंदर तो बारिश अंबर के आँखो का नीर है 
शायद यही हम दोनों की तकदीर है #Life #experiencelife
हे ईश्वर ये कैसा दर्द जो बता नहीं सकते
आँसू है पलको पर मगर बहा नहीं सकते
तभी बारिश आई थोड़ी मुस्काई 
तु भोली और नादान बहुत हैं
अपना नहीं कोई यहाँ रिस्तों मे पहचान बहुत है
आ भीग जा मेरी आगोश में कही  
तेरे बहते आँसुओ को बुंदो मे छुपा लू कही 
तु दर्द का समंदर तो बारिश अंबर के आँखो का नीर है 
शायद यही हम दोनों की तकदीर है #Life #experiencelife
sushilasoni1410

Sushila Soni

New Creator