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कितनी ख़ामोशी .... कितनी ख़ामोशी से ... इतने

कितनी ख़ामोशी ....

     कितनी ख़ामोशी से ... इतने  लम्बे  ...

सफर से गुजर  के निकला हूँ मैं
       
      वो नजरों के सामने ही है 
           न जाने क्यूं 

उनसे कितना कुछ कहने ....
     कि तमना दिल में लेकर  निकला हूँ मैं ...

©Guru Dev
  gudiya vijita.... @तन्हा ख्वाबों में तू अब्र The Imperfect