फिजूल मोहब्बत का मैंने एक भरम पाल रखा था,
वो भी हमसे मोहब्बत करते है... न जाने किस बेवजह ख्याल मे था
वो उस दिन को याद भी नही करना चाहते .. जब हमारी मुलाक़ात हुई थी
और एक मै हूँ,जो उस पल को अपना सबसे खास पल बता रहा था।
उनकी नजर मे वो बस वक़्त का एक सफर था....जो आया और बीत गया,
मगर मैंने तो उस पल मे अपने सपनों का आशियाँ सजा रखा था।
बहुत तकलीफ मे हूँ कैसे खुद को संभालूँ ... कुछ समझ नही आ रहा,
कयूँ वो इतना बदल गया जिसको मैंने अपनी जान से ज्यादा चाहा था।