मसूर है मेरे और उसके बचपन की यारी दो दिल पर एक जान है मेरी यारी कोई उठा देखे आँखे तो देख घबराती है मेरी यारी वो यार मेरे बचपन का जीता जागता नमूना है लेकिन आज भी मुझे याद आती हैं मेरी यारी मै बैठकर अकेले रो भी लेता हूँ, यार को महसूस कर लेता हूँ पर यू उसके जाने से नहीं निभती मेरी यारी ©Satwik mishra #myfrindes #allfrinds #yashu.. #nojoto2021 #poem✍🧡🧡💛 #Friendship