हवा भी बेकसूर उसे चलना है जरूर, दिया भी बेकसूर उसे जलना है जरूर ! इश्क़ पर अपने तू भरोसा रखना जरूर, कभी न कभी तो हमें मिलना है ज़रूर!! ✍️ 'राधेय' : 09/10/2019 Soumya Jain OM BHAKAT "MOHAN,(कलम मेवाड़ की) शुभम सिंह