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हमने देखी हैं, बहुत सी ऐसी बारिश की फुहारें। जो कह

हमने देखी हैं,
बहुत सी ऐसी बारिश की फुहारें।
जो कहती थी सूखी ज़मीं से अक्सर,
कि ला देंगे हम तेरे जीवन में,
सावन की बहारें ।
पर जब तपती गर्मी आयी,
कहीं न कोई काली बदरी छाई ।
जल गई ज़मीं,
और पड़ गयी उसमें सूखी दरारें ।
ना आई कोई बारिश की फुहारें... झूठे वादे
हमने देखी हैं,
बहुत सी ऐसी बारिश की फुहारें।
जो कहती थी सूखी ज़मीं से अक्सर,
कि ला देंगे हम तेरे जीवन में,
सावन की बहारें ।
पर जब तपती गर्मी आयी,
कहीं न कोई काली बदरी छाई ।
जल गई ज़मीं,
और पड़ गयी उसमें सूखी दरारें ।
ना आई कोई बारिश की फुहारें... झूठे वादे