साला हर दिन एक नया नाटक होता था , क्यंकि उसे किसी और कि बाहों में जाना था । क्या नही किया तेरे लिए , यहां तक कि तुझे अपने परिवार वालों से भी मिलाया था । मुझे मजबूरी कहना तो एक बहाना था , तुझे किसी और के कसमो को जो निभाना था । मुझसे ज्यादा किसी और कि फिकर थी , तो सीधा बोल देते मुझे नही रहेना आपके साथ ऐसे प्यार करके क्यों बातों को घुमाना था । #ऐसे #प्यार करके #क्यों #बताओं को #घूमना था ।