हम व्यस्त लोग हैं साहब, जल्दबाजी हर काम में करते हैं, हम ख़ुद में ही मस्त लोग हैं साहब, सुरक्षा का भी कहां ख्याल करते हैं, सड़कों पर तेज वाहन चलाना है हमें, घबराएंगे अब दुर्घटना से, तो कैसे चलेगा, मशीनों का भी फुर्ती से प्रयोग करना है हमें, अब उसमें सावधानी बरतेंगे, तो कैसे चलेगा, 🙏पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें🙏 (Full piece in the caption) हम व्यस्त लोग हैं साहब, जल्दबाजी हर काम में करते हैं, हम ख़ुद में ही मस्त लोग हैं साहब, सुरक्षा का भी कहां ख्याल करते हैं, सड़कों पर तेज वाहन चलाना है हमें, घबराएंगे अब दुर्घटना से, तो कैसे चलेगा,