सफरनामा- ए- काशी लिखने बैठा हूं, दूर है दसास्वामेद्घ इसलिए अस्सी पे बैठा हूं। मदमस्त हवा के गीतों का रियाज़ कर रही नाव, इन्हीं नावों की चालान देखने को बैठा हूं। benarasi love #banaras #banarasi_ishq