अपने ऊपर डाले डोरे, मौसम के साए में सहमी, आशाओं का घूँघट ओढ़े, न जाने कब वो किरण आकर निराश कर जाए... खिड़की तो एक रूपक है। खिड़की विचारों की हो सकती है। कल्पना की, बुद्धि की, साहस की हो सकती है। खिड़की किसी की निगाह हो सकती है। अपनी कल्पनाशीलता को उड़ान दीजिये और खिड़की के नए बिम्ब तलाश करते हुए रचना करें। #खिड़की #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi