Nojoto: Largest Storytelling Platform

चंद दिन की है बात क्या जाने, बची कितनी हयात क्या

चंद दिन की है बात क्या जाने, 
बची कितनी  हयात क्या जाने,

ना-ख़ुदा पर भी रश्क आता है,
दिल में है क़ायनात क्या जाने,

मिटाएँ तिश्नगी किसके दर पर, 
हो न हो  मुलाक़ात  क्या जाने,

बचा हो अब भी शरारा दिल में,
रात उल्फ़त की बात क्या जाने, 

तकल्लुफ़ से जुबाँ पर नाम आया,
हाल-ए-दिल पारिजात क्या जाने,

इश्क हो  क़ैद  दीवार-ओ-दर  में,
कब   घटे   वारदात   क्या  जाने,

मोह-माया  के  जाल  से  'गुंजन',
कैसे   पाएँ   नजात   क्या  जाने,
  --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
     चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra
  #चंद दिन की बात#

#चंद दिन की बात# #कविता

114 Views