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                                                         "एक खत"
तुम्हें,

शुक्रिया। फूल हर साल की तरह बहुत खूबसूरत है और डायरी का गुलाबी कवर पिछले साल के मरून से तो काफी अच्छा है।

सोच रहे होंगे तुम हर साल इन्हें भेजते हो और हर साल में शुक्रिया लिखती हूं। पर इस बार तुम्हें इस शुक्रिया का असली कारण बताना चाहती हूं। यह सिर्फ एक तोहफे के लिए नहीं पर हर साल बिना भूले मेरे पसंदीदा फूलों को मंगवा के खास गुलदस्ता बनवा कर भेजने के लिए कहती हूं। सबसे ज्यादा मजे की बात यह है की अब तो घर पर भी सभी को यह तारीख याद हो गई है। हालांकि किसी को नहीं पता आज क्या खास है। सब कहते हैं दुनिया इधर की उधर हो सकती है पर यह गुलदस्ता और डायरी सुबह दस बजकर पांच मिनट पर मेरी मेझ पर ही होंगे। पिछले पंद्रह सालों में बहुत कुछ बदला है पर आज का दिन हमेशा जैसा ही है। और बदलेगा भी कैसे, वादा किया था तुमने... (Continuing in the caption) लिखे जो खत तुम्हें... ✍️✍️
#fictionletter #fictionstory #storyinlettter #ATwritingbg #aestheticthoughts #yqbaba #yqdidi #grishmaletters

और बदलेगा भी कैसे, वादा किया था तुमने "मेरी जिंदगी" - मेरी पहली कविता का जन्मदिन हम हर साल मनाएंगे। मेरी तैयारी भी पूरी है, मेरी फेवरेट आइसक्रीम और तुम्हारा फेवरेट नूडल्स सुबह के नाश्ते के लिए उसी वाले रेस्टोरेंट में पहले से ऑर्डर कर दिये है। तो मिलते हैं ठीक साढ़े दस बजे।

बस इतना ही। घड़ी ड्रेसिंग टेबल के दूसरे ड्रोअर में है। मां को कहा है सहेली से मिलने जा र
                                                         "एक खत"
तुम्हें,

शुक्रिया। फूल हर साल की तरह बहुत खूबसूरत है और डायरी का गुलाबी कवर पिछले साल के मरून से तो काफी अच्छा है।

सोच रहे होंगे तुम हर साल इन्हें भेजते हो और हर साल में शुक्रिया लिखती हूं। पर इस बार तुम्हें इस शुक्रिया का असली कारण बताना चाहती हूं। यह सिर्फ एक तोहफे के लिए नहीं पर हर साल बिना भूले मेरे पसंदीदा फूलों को मंगवा के खास गुलदस्ता बनवा कर भेजने के लिए कहती हूं। सबसे ज्यादा मजे की बात यह है की अब तो घर पर भी सभी को यह तारीख याद हो गई है। हालांकि किसी को नहीं पता आज क्या खास है। सब कहते हैं दुनिया इधर की उधर हो सकती है पर यह गुलदस्ता और डायरी सुबह दस बजकर पांच मिनट पर मेरी मेझ पर ही होंगे। पिछले पंद्रह सालों में बहुत कुछ बदला है पर आज का दिन हमेशा जैसा ही है। और बदलेगा भी कैसे, वादा किया था तुमने... (Continuing in the caption) लिखे जो खत तुम्हें... ✍️✍️
#fictionletter #fictionstory #storyinlettter #ATwritingbg #aestheticthoughts #yqbaba #yqdidi #grishmaletters

और बदलेगा भी कैसे, वादा किया था तुमने "मेरी जिंदगी" - मेरी पहली कविता का जन्मदिन हम हर साल मनाएंगे। मेरी तैयारी भी पूरी है, मेरी फेवरेट आइसक्रीम और तुम्हारा फेवरेट नूडल्स सुबह के नाश्ते के लिए उसी वाले रेस्टोरेंट में पहले से ऑर्डर कर दिये है। तो मिलते हैं ठीक साढ़े दस बजे।

बस इतना ही। घड़ी ड्रेसिंग टेबल के दूसरे ड्रोअर में है। मां को कहा है सहेली से मिलने जा र