कश्मकश में हूँ खुद को समझाऊ कैसे दिल और दिमाग की जद्दोजहद में आँसुओं को रोकूँ कैसे बरसों बाद जब इन आँखों को खुशियों का गवाह बनने का मौका मिला है तब इस माहौल के डर ने रोका हैं मुझे जितना मुश्किल पास जाना है उतना ही मुश्किल दूर रहना भी है क्या करू, हाय! यें दूरियाँ मिटाऊँ कैसे 😥 Being far from loved ones in #coronatimes