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माँ का लाड पिता का दुलार, ख़ुशहाली का त्यौहार होती

माँ का लाड पिता का दुलार,
ख़ुशहाली का त्यौहार होती हैं बेटियाँ..!

घर जिनसे रौशन बहमूल्य धन,
माता-पिता का भीतरी मन होती हैं बेटियाँ..!

सिर का ताज़ दिल की आवाज़,
खूबसूरत साज़ होती हैं बेटियाँ..!

माता-पिता की मुस्कान,
उनका अभिमान होती हैं बेटियाँ..!

मान सम्मान सुनहरा आसमान,
माता-पिता की जान होती हैं बेटियाँ..!

दहलीज़ दिल की और,
सारा जहान होती हैं बेटियाँ..!

माता-पिता की असली,
पहचान होती हैं बेटियाँ..!

©SHIVA KANT
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