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रस्ता और गाँव किताबें बांध लु अपनी,परों को काट ही

रस्ता और गाँव किताबें बांध लु अपनी,परों को काट ही डालूं अपनी।
 ख्याल आता है कमजोरी में चलते देखकर अक्सर।
अब अपने बाप के टांगों से टांगें बांध लु अपनी। #पितापरमेश्वर
रस्ता और गाँव किताबें बांध लु अपनी,परों को काट ही डालूं अपनी।
 ख्याल आता है कमजोरी में चलते देखकर अक्सर।
अब अपने बाप के टांगों से टांगें बांध लु अपनी। #पितापरमेश्वर
gauravkumar8506

Gaurav Kumar

New Creator