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शांतचित्त… अपराधबोध के घना जंगल के समान होता है, ज

शांतचित्त… अपराधबोध के घना जंगल के समान होता है,
जिसमे इंसान रास्ता भटक जाता है ।
अकल्पनीय विचार दिमाग़ में पानी के बुलबुले के समान बनती-बिगड़ती है और चेहरे को रुआंसा कर जाती है…! शांति भवः 
#शांत_सा_मन #शांततूफ़ाँ 
#शांति_की_सीढ़ी 
#चित्तवृत्तियों 
#collabroting with rj rehan roy
शांतचित्त… अपराधबोध के घना जंगल के समान होता है,
जिसमे इंसान रास्ता भटक जाता है ।
अकल्पनीय विचार दिमाग़ में पानी के बुलबुले के समान बनती-बिगड़ती है और चेहरे को रुआंसा कर जाती है…! शांति भवः 
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#शांति_की_सीढ़ी 
#चित्तवृत्तियों 
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rahulverma5967

RAHUL VERMA

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