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खुले बालों सी "ख्वाहिशें" बांधकर निकलती है पिता

खुले बालों सी
 "ख्वाहिशें" 
बांधकर निकलती है 
पिता की दहलीज से;
   "जीवन"की 
व्यवस्था करने 
ब्रह्मांड के लिए!
         :
   वो स्त्री है।
    -Anjali Rai
     इच्छाओ को मारकर                       "सबकी इच्छाओं को  
                                                   जीवन देकर जो जीती            
                                                    'जीवन के लिए'
                                               वो स्त्री है !"-Anjali Rai
जो जीते है घर के लिए!

वो पुरुष हैं।
खुले बालों सी
 "ख्वाहिशें" 
बांधकर निकलती है 
पिता की दहलीज से;
   "जीवन"की 
व्यवस्था करने 
ब्रह्मांड के लिए!
         :
   वो स्त्री है।
    -Anjali Rai
     इच्छाओ को मारकर                       "सबकी इच्छाओं को  
                                                   जीवन देकर जो जीती            
                                                    'जीवन के लिए'
                                               वो स्त्री है !"-Anjali Rai
जो जीते है घर के लिए!

वो पुरुष हैं।