जब कुछ भी ना समझ आए जब कुछ भी ना तय कर पाए तब बस चलते जा, जब कुछ थोड़ा समझ आए जब कुछ मन को भाए तब आगे बढ़ते जा, होगी उस वक़्त की आस जब सब कुछ निश्चित हो जाए जब सब कुछ समज आए, और आएगा एक वक़्त तब अनिश्चितता की उंगली थामे सब कुछ तु ना समझ पाए फिर भी समझदारी से चलते जाए। 🧡📙📙🧡 #walk #moveingahead #growingformyself #life #learnings #unlearning #hindipoems #grishmapoems