नजदीक रह कर भी तू दूर है, देख दूर रहकर भी नज़दीक कोई होता जा रहा है। जिस ज़मीन को तू बंजर समझता रहा,आज उसी में कोई बीज बोता जा रहा है ©paresh #ChildrensDay Sisir kavita