कहीं लफ़्ज़ों की रोशनी में, कहीं खूबसूरती के डेरे में, कहीं नीरों की लहरों में, तो कहीं सूर्य के तेज में, ये खुशियां कहाँ रहती है? लोगों की कतार है, सुख के इस महल में, नहीं है लोग यहाँ आनंद के महोल्ले में। विवादों की अग्नि से युद्ध करते संघर्ष के मैदान से झूझते भूल जाते है मनुष्य, हर्ष के फूलों से मिलना ढूंढते हैं उसे, जो भीतर है उनके, ये प्रश्न करते है अज्ञानी सभी, ये खुशियां कहाँ रहती है? #आजकीसच्छाई #happiness #todaystruth