ख़ामोश फिजा थी साया भी नहीं था। इस दुनिया में हमसा कोई आया भी नहीं था। किस जुर्म में छीन गई हमसे हसी। हमने तो किसी का दिल दुखाया भी न था। #मेरी ही कहानी मेरी ही ज़ुबानी।