_खुश है हम .._ उसकी इख्लास-ए-मुश्कुराहत मुझे, आज भी ज़रिफ़ लगती है। जब देखता हूं। निगाहें चुरा छुपा के उससे उसकी हर आदा में मैं गुमगश्त रहता हूं जब देखता हूं। इश्क ए मोहब्बत अब नहीं है उससे पर यार-ए-इश्क जरूर महसूस करता हूं। जब देखता हूं। वक्त बे-वक्त अब नहीं लड़ते, खुश है हम जब देखता हूं।। _खुश है हम... _ #इख्लास #मुश्कुराहट #ज़रीफ़ #गुमगश्ता #notojo #khnazim