बता तू कौन है 11111111111111 ऐ दोस्त बता तू कौन है, हंसा कर क्यों रुलाना चाहता है। गम ए दौरा का नाज़ुक वक्त है, बचा कर क्यों डूबाना चाहता है। अभी टूटा नहीं हूं मैं पूरी तरह से, जगे को क्यों सुलाना चाहता है।। ऐ दोस्त बता तू कौन है, हंसा कर क्यों रुलाना चाहता है।। बसेरा लूट रहा है हम जैसे परिंदों का, दुनिया सज रहा है भ्रष्टाचारी और दरिंदों का। आपनो से भरोसा उठा लिया है हमने, एक मालिक पर भरोसा बैठा लिया है हमने। अपनी आंखों की बंजर जमीं पर, मैं एक छोटा सा घर बसाना चाहता हूं। हारे हुए मन को मैं फिर से जगाना चाहता हूं।। लगाकर आग मेरे मेहनत में कोई, अपना घर सजाना चाहता है। लगाकर बंदिशें मेरी जुबां पर, गला फिर से दबाना चाहता है।। मेरे दोस्त मुझे छोड़ कर अब, औरों का दुनिया जलाना चाहता है।। ऐ दोस्त बता तू कौन है, हंसा कर क्यों रुलाना चाहता है।। 1111111111111111111111 प्रमोद मालाकार.....09.09.2006 ©pramod malakar #बता तू कौन है।