जय जय भोले जय जय शंभू जय जय शंकरा पापियों के सिने में घुसा दे खंजरा.....2 जय जय रुद्रा जय जय भंगे जय जय त्रिपुरारी गले मुंड रूंड शोभे हे भण्डारी जय जय भोले बाबा शशिशेखरा हे शूलपाणी हे शंकरा ज्ञानवापी ,सोमनाथ, विश्वनाथ काशी राम भूमि कृष्ण भूमि मदुरै मिनाक्षी शिवा तेरे घर को है जिसने उजाड़ा तोड़ दे खपर अंग तेरा जो बिगाड़ा आशुतोषा औघडा हे काल महायोगी देवा महादेवा कालरुपा अरू त्यागी हे रामे हे नटराजरा हे शूलपाणी हे शंकरा...! डम,डम डमरू की धून तू बजा ले त्रिपुंड ललाट पे तू अपने सजा ले कर दे विनाश नाश करना जो चाहे टुटे आसमान फटे धरती ही चाहे शिवा शंभू भोलेनाथ असुर संहारी निलकंठा निरंकारी हे गंगाधारी हे रामे हे नटराजरा हे शूलपाणी हे शंकरा।। जय जय भोले जय जय शंभू जय जय शंकरा पापियों के सिने में घुसा दे खंजरा.....2 जय जय रुद्रा जय जय भंगे जय जय त्रिपुरारी गले मुंड रूंड शोभे हे भण्डारी जय जय भोले बाबा शशिशेखरा हे शूलपाणी हे शंकरा हे शूलपाणी हे शंकरा।। कवि:- अमित प्रेमशंकर एदला,सिमरिया,चतरा(झारखण्ड) ©Amit premshanker #he shoolpani he shankra #हे_शूलपाणी_हे_शंकरा