चाँद की ख्वाहिश के साथ, हम भी खुद को जोड़ बैठे। रात में कॉफी के चुश्की के साथ, फिर अपनी चाँदनी का ख्याल कर बैठे। कैसी है मेरी चाँदनी? चाँद से ये सवाल कर बैठे .... मेरे सवाल के साथ बैचेनी को देख, चाँद भी मुस्कुरा लिया ज़रा । कहा, "कैसी ये प्रेम रीति है, तड़प से निकलती हर जो गीत है । तेरी चाहत में वो भी दिवानी , मन-ही-मन याद करती है बीती हुई कहानी । परस्पर जो तुम दोनों में इतनी मोहब्बत है फिर दिल को दूर रखने की ये कौन-सी धुन है ? #Humsafar #nojoto #nojotohindi #poetry #talkwithmoon #love #kavishala #kalakash #TST