राज़ की बात बताये राजी, दिनभर करता हाँ जी हाँ जी, तन है कश्ती नाम खिवैया, खेकर पार लगाये मांझी, उठकर टहलो ख़्वाब से जागो, सुबह-सुबह की हवा है ताजी, चिड़ियाघर में जाकर देखो, पुरखों सा लगता चिंपैंजी, होशियार बन जाओगे तुम, खाओ जमकर सब्ज़ी भाजी, दूर रहो ऐसे लोगों से, जिनके मन से निकले ना जी, 'गुंजन' जीवन सरल बनाओ, जीतोगे दुनिया की बाज़ी, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #जीतोगे दुनिया की बाज़ी#