सुनो.. मैं तुम्हे कभी अब बांधूंगी नहीं ना कच्ची पक्की किसी डोर से ना किन्ही कसमों और वादों में मगर हां, जब तुम्हे जरूरत पड़ी साथ हमेशा दूंगी तुम्हारा क्यों की........ तुम्हे आजाद देखकर मेने महसूस किया कि तुम्हारी आजादी मेरे बंधन की जंजीर से ज्यादा खूबसूरत है kamini ........ ©seema patidar आजादी