इसका हो या उसका हो इक कहानी चाहिए। बदल दें तस्वीर रिवायतों का ऐसी जवानी चाहिए। मोहब्बत तलबगार ना हो ज़िस्म का इश्क़ रुहानी चाहिए। महक उठे माज़ी भी लहु में रवानी चाहिए। इसका हो या उसका हो इक कहानी चाहिए। बदल दें तस्वीर रिवायतों का ऐसी जवानी चाहिए। मोहब्बत तलबगार ना हो ज़िस्म का इश्क़ रुहानी चाहिए। महक उठे माज़ी भी लहु में रवानी चाहिए।