बचपन और बारिश पहली बारिश और सब याद आ जाना बारिश का पानी और कागज़ की नाव दोनों का है इक रिश्ता पुराना छप छपाक करते जूते भिगाना साहब की गाड़ी पर छींटे उड़ाना याद आता है वो बचपन सुहाना मस्ती में भीगना और छतरी उड़ाना याद आता है वो अल्हड़ ज़माना भीगे कपड़ो में छुप के घर आना याद आता है वो दिन वो ज़माना वापस न आयेगा कभी, हमने माना saj