दोहा - प्रभाती ************** नई सुबह फिर आ गई, पंछी का हैं शोर। देख लालिमा छा गई, आई सुंदर भोर ।। दिनकर नभ में आ गये, सुरम्य हुई प्रभात। बागों में कलियाँ खिली, भौंरे करते बात।। सुंदर सपनों के साथ में, आई है ये भोर । उम्मीदों के पर लिये, उड़े गगन की ओर।। ©Uma Vaishnav #morning #prabhati #Butterfly