एक घने जंगल सी है ये मोहब्बत, कुछ को मंजिल मिलेगी, कुछ राह भटक जायेंगे, जो डरकर बाहर ही रह गए, वो इसकी खुबसुरती से कैसे रूबरू हो पाएंगे..... #जंगल #इश्क़_की_बाते #मोहब्बत