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कौन किसका है,पता किसको है, आज यहां। हर दिन एक नये

कौन किसका है,पता किसको है, आज यहां।
हर दिन एक नये चेहरे लिये फिरता है इंसान,आज यहां।।

मतलब भरी सी जिन्दगी हो गयी है इंसानों की,आज यहां।
खुशी की चाहत में खुशियों से ही कोशों दूर हो रहा है इंसान,आज यहां।।

सुकून की चाहत में भागते-भागते,
खुद का सुकून भी खोते जा रहा है इंसान,आज यहां।

खुद में हीं कितना अकेला सा होते जा रहा है इंसान,आज यहां।।

ना जाने क्या फितरत सी हो गई है इंसानों की,आज यहां।

खुशी वहां ढूंढ रहा है,
जहां एक पल की भी खुशी नहीं मिल रही है उसे,आज यहां।
खुशी जहां मिल रही है,
वहां एक पल की भी खुशी नहीं चाहिये उसे,आज यहां।।

सच हीं कहा है किसी ने:-

गैरों को खुश करने में,
अपनों से कोशों दूर होते जा रहा है इंसान,आज यहां।

खुशी,प्यार,सुकून कोई वस्तु नहीं,
जिसे हासिल कर ले इंसान, आज यहां।
ये तो वो खामोंश एहसास है,
जो बेरंग जिन्दगी में ना जाने कितने रंग भर दे इंसानों के,आज यहां।।

मेरा मानना तो ऐसा है कि:-
खुशी और प्यार बांटना कभी भी नहीं चाहिये इंसान को वहां,
एक पल की भी खुशी नसीब ना हो इंसान को जहां।।

खुशी और प्यार बांटना चाहिये इंसान को वहां,
जिन्दगी का हर लम्हा खुशियों से भरा रहे इंसान के जहां।।

मगर करे भी क्या करे इंसान,आज यहां।
भरोसा करे भी तो किसपे करे इंसान,आज यहां।।

हर एक-दूसरे से मौकापरस्ती का खेल,
खेल रहा है इंसान,आज यहां

कौन सही,कौन गलत पता किसको है,आज यहां।
कौन अच्छा,कौन बुरा पता किसको है,आज यहां।।

दुनियां के मतलब भरे बाजार में,
भरोसा नाम का हीं कत्ल कर चुका है इंसान,आज यहां।

कौन किसका है,पता किसको है,आज यहां।
हर दिन एक नये चेहरे लिये फिरता है इंसान,आज यहां।।

©Saurav Kumar #Foggy #आजयहां #जिन्दगीकासच #आजकीसच्छाई #आजकीदुनिया #आजकेइंसान #आजकासमय
😔👍😔👍
कौन किसका है,पता किसको है, आज यहां।
हर दिन एक नये चेहरे लिये फिरता है इंसान,आज यहां।।

मतलब भरी सी जिन्दगी हो गयी है इंसानों की,आज यहां।
खुशी की चाहत में खुशियों से ही कोशों दूर हो रहा है इंसान,आज यहां।।

सुकून की चाहत में भागते-भागते,
खुद का सुकून भी खोते जा रहा है इंसान,आज यहां।

खुद में हीं कितना अकेला सा होते जा रहा है इंसान,आज यहां।।

ना जाने क्या फितरत सी हो गई है इंसानों की,आज यहां।

खुशी वहां ढूंढ रहा है,
जहां एक पल की भी खुशी नहीं मिल रही है उसे,आज यहां।
खुशी जहां मिल रही है,
वहां एक पल की भी खुशी नहीं चाहिये उसे,आज यहां।।

सच हीं कहा है किसी ने:-

गैरों को खुश करने में,
अपनों से कोशों दूर होते जा रहा है इंसान,आज यहां।

खुशी,प्यार,सुकून कोई वस्तु नहीं,
जिसे हासिल कर ले इंसान, आज यहां।
ये तो वो खामोंश एहसास है,
जो बेरंग जिन्दगी में ना जाने कितने रंग भर दे इंसानों के,आज यहां।।

मेरा मानना तो ऐसा है कि:-
खुशी और प्यार बांटना कभी भी नहीं चाहिये इंसान को वहां,
एक पल की भी खुशी नसीब ना हो इंसान को जहां।।

खुशी और प्यार बांटना चाहिये इंसान को वहां,
जिन्दगी का हर लम्हा खुशियों से भरा रहे इंसान के जहां।।

मगर करे भी क्या करे इंसान,आज यहां।
भरोसा करे भी तो किसपे करे इंसान,आज यहां।।

हर एक-दूसरे से मौकापरस्ती का खेल,
खेल रहा है इंसान,आज यहां

कौन सही,कौन गलत पता किसको है,आज यहां।
कौन अच्छा,कौन बुरा पता किसको है,आज यहां।।

दुनियां के मतलब भरे बाजार में,
भरोसा नाम का हीं कत्ल कर चुका है इंसान,आज यहां।

कौन किसका है,पता किसको है,आज यहां।
हर दिन एक नये चेहरे लिये फिरता है इंसान,आज यहां।।

©Saurav Kumar #Foggy #आजयहां #जिन्दगीकासच #आजकीसच्छाई #आजकीदुनिया #आजकेइंसान #आजकासमय
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sauravkumar6744

Saurav Kumar

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